प्रयाग भारत
घोरावल (सोनभद्र)। रविवार की प्रातः यथार्थ गीता की प्रणेता परम पूज्य योगेश्वर महाप्रभु सतगुरुदेव भगवान स्वामी अड़गड़ानंद जी ने धूना पर त्रिशूल स्थापना का कार्यक्रम संत महात्माओं समेत श्रीराम महाराज उर्फ मड़ई महाराज की उपस्थिति में कराया। अपने आराध्य सदगुरुदेव भगवान को चांदी का मुकुट भी पहना कर मड़ई महाराज जी ने पूजा -अर्चना की। इस दौरान सदगुरुदेव भगवान पूरे आश्रम परिसर समेत खास तौर पर धूना के आसपास घूम कर अलौकिक, अद्भुत, अविस्मरणीय दृश्य देखा। त्रिशूल स्थापना कार्यक्रम संपन्न होने के बाद प्रातः सत्संग में शक्तेषगढ़ से आए हुए महात्मा चिंतनमयानंद जी महाराज, तानसेन महाराज, लाले महाराज, वरिष्ठानंद जी महाराज, कृष्णानंद जी एवं नारद महाराज उपस्थित भक्तगणों को सत्संग की महिमा का सार आध्यात्मिक शब्दों में विस्तार पूर्वक बताया।
परमहंस आश्रम कैलाशपुरी परसौना में भक्तों का हूजूम उमड़ पड़ा। बालभोग रूपी प्रसाद ग्रहण करने के बाद एक बार फिर से स्वामी अड़गड़ानंद जी महाराज ने सत्संग में बताया कि एक नाम का सुमिरन और भजन एक परमात्मा का, तब जाकर जीव भवसागर रुपी नैया पार करेगा। श्रीमद् भागवत गीता भाष्य यथार्थ गीता का प्रतिदिन करें अध्ययन। स्वामी जी की इतनी लंबी उम्र होने के बाद भी उन्होंने अमृतमयी वाणी से एक भजन सुनाया। भजन सुनते ही हजारों भक्तों ने जोर से स्वामी जी के जयकारे के साथ ओम श्री सदगुरुदेव भगवान की जय का उद्घोष करने लगे। लगभग 45 मिनट तक प्रवचन के पश्चात स्वामी जी दोपहर के वक्त परसौना आश्रम से शक्तेषगढ़ आश्रम के लिए प्रस्थान किए। स्वामी जी के प्रमुख सेवक के रूप में दीपक बाबा, मनीष बाबा, राकेश बाबा सहित अन्य महात्मा मंच पर मौजूद रहे। इस दौरान पुलिस क्षेत्राधिकारी ददन प्रसाद, कोतवाल घोरावल कमलेश पाल, जुगैल थाना प्रभारी भैया लाल, दो प्लाटून पीएसी समेत महिला कांस्टेबल मौजूद रहे। मड़ई महाराज योगेश्वर महाप्रभु को हेलीपैड तक छोड़ने के लिए आश्रम के महात्माओं समेत मौजूद रहे। इस दौरान आश्रम परिसर में यथार्थ गीता वितरण स्टॉल ,होम्योपैथिक दवा का स्टाल , फायर ब्रिगेड की गाड़ी एवं जगह-जगह आश्रम में आए हुए भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े इसके लिए दर्जनों लोगों की टीम भी बनाई गई। भोजन के पश्चात सभी अपने-अपने जनपदों की ओर रवाना हुए।
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