आरामशीन संचालकों एवं काष्ठ व्यापारियों, विनिर्माताओं के लिए प्रशिक्षण सह जागरूकता सत्र का किया आयोजन वन संरक्षक की अध्यक्षता एवं डीएफओ की उपस्थिति में सत्र हुआ संपन्न



प्रयाग भारत 


 चाकघाट, रीवा। रीवा वनमण्डल अंतर्गत आने वाले सभी आरामशीन संचालकों एवं काष्ठ व्यापारियों और विनिर्माताओं के लिए शनिवार को प्रशिक्षण सह जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया।

सत्र की अध्यक्षता रीवा वन वृत के वन संरक्षक राजेश कुमार राय ने की, एवं रीवा वनमण्डल अधिकारी अनुपम शर्मा संयोजक रहे। सत्र में लगभग 70 आरामशीन मालिकों/संचालकों एवं लकड़ी के व्यापारियों विनिर्माताओं द्वारा भाग लिया गया। बैठक में रीवा वनमण्डल अंतर्गत सभी वन परिक्षेत्र अधिकारी भी उपस्थित रहे।

वन संरक्षक राजेश राय ने आरा मशीन संचालकों एवं काष्ठ व्यापारियों को सख्त निर्देश दिए कि वे किसानों की निजी भूमि की गैर-विर्निदिष्ट काष्ठ प्राप्त करते समय मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 एवं नियम 2020 (2023 संशोधित) के अनुसार ग्राम पंचायत द्वारा वृक्ष काटने की अनुमति, एवं मध्य प्रदेश अभिवहन (वनोपज) नियम अनुसार परिवहन अनुज्ञा पत्र का विशेष ध्यान रखें।




वन संरक्षक द्वारा वन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी निर्देशित किया गया कि परिवहन अनुज्ञा पत्र हेतु आवेदन प्राप्त होने पर, सत्यापन उपरांत, अनुज्ञा पत्र जारी करने में अनावश्यक विलंब ना करें, और निर्धारित दिनों के अंदर ही निराकरण करें। साथ ही, वन संरक्षक ने डीएफओ को निर्देश दिए कि अत्यधिक विलंब करने वाले वनकर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही करें।

डीएफओ अनुपम शर्मा ने बताया कि वन विभाग वनों को संरक्षित रखते हुए, और नियमों का पालन करते हुए, काष्ठ व्यापार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही, वनमण्डल अधिकारी ने सूचित किया कि प्रक्रियाओं में गति, प्रतिबद्ध और सरलता लाने के लिए रीवा वनमण्डल में ऑनलाइन राष्ट्रीय पारगमन पास प्रणाली (नेशनल ट्रांसिट पास सिस्टम) शीघ्र लागू किया जाएगा।

आरामशीन संचालकों एवं काष्ठ व्यापारियों और विनिर्माताओं ने वन अधिकारियों को शासकीय लकड़ी मंडी एवं ऑफलाइन नीलामी/ऑक्शन के सुझाव एवं निवेदन दिए ।

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