गोविंद सिंह की जयंती बच्चों ने बड़े उत्साह से मनाया। सवा लाख से एक लड़ाऊं चिड़िया से मैं बाज तुड़ाऊं




सवा लाख से एक लड़ाऊं चिड़िया से मैं बाज तुड़ाऊं 


वाहे गुरु जी का खालसा वाहे गुरु जी की फतेह

महराजगंज रायबरेली। महावीर स्टडी इस्टेट  कॉलेज महराजगंज में गुरु गोविंद सिंह जयंती को बच्चों ने बहुत ही उत्साह से मनाया। प्रधानाचार्य कमल वाजपेई ने बताया कि सिख और पंजाब का इतिहास दसवें  सिख गुरु गुरु गोविंद सिंह के चार पुत्रों अजीत सिंह जझार सिंह जोरावर सिंह तथा फतेह सिंह के साथ गुरु माता गुजरी के बिना अधूरा है ।मानव इतिहास में सहिबजादो की शहादत का कोई सनी नहीं है ।सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह उस आध्यात्मिक प्रकाश जो गुरु नानक के साथ शुरू हुई थी और उस मार्शल परंपरा जिसे उनके कुछ पूर्ववर्तियों ने प्रोत्साहित और सम्मानित किया था की परिणति थे ।उन्हें संत सैनिक के रूप में जाना जाता है इन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की जोरावर सिंह भाइयों ने धर्म परिवर्तन को अस्वीकार करते हुए अपनी जान गवा दी ।सभी को अपने समाज धर्म देश एवं जन्म की मिट्टी से प्यार करना चाहिए इसकी रक्षा सर्वोपरि है। इस अवसर पर गिरिजा शुक्ला राजीव मिश्रा सौरभ श्रीवास्तव दिलीप कुमार सरिता मिश्रा नीरू वाजपेई मंजू सिंह अनुपम सिंह लक्ष्मी सिंह फातिमा साधना सिंह ज्योति सिंह आलोक यादव अभिषेक राज त्रिपाठी आदर्श शुक्ला जय सिंह राधा शुक्ला रुचि सिंह शिवानी वर्मा अमित सिंह लवलेश सिंह निखिल शुक्ला सुरेंद्र प्रजापति आदि का विशेष योगदान रहा।

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