सावधान स्वाद के चक्कर में कहीं आप खा तो नहीं रहे हैं जहर


महराजगंज रायबरेली ।सहालग के समय खाद्य विभाग है बेखबर और लोग खा रहे हैं जहर ।वर्तमान समय में शादी विवाह सहित लोगों के घरों पर मांगलिक कार्यक्रमों का आयोजन चल रहा है जिसमें लोग अपने यहां मेहमानो को बुलाकर अच्छे-अच्छे व्यंजन खिलाते हैं लेकिन इस समय मार्केट में व्यंजनों में मिलावट का दौर आया हुआ है खोया पनीर और शादी विवाह में रौनक बढ़ाने वाले छेना के रसगुल्ले में जबरदस्त मिलावट का खेल चल रहा है । खाद्य विभाग छापेमारी के नाम पर केवल सफेद हाथी बना हुआ है जहां दूध 60 से 70 रुपए लीटर बिक रहा है तो वहीं मिलावटी छेना आपको ढाई सौ रुपए किलो ही मिल जाएगा अगर हम बात करें पनीर की तो जहां 5 से 6 लीटर दूध में 1 किलो पनीर बनती है वही पनीर आपको ढाई सौ ₹300 किलो में मार्केट में बिकती नजर आ जाएगी खोया की तो बात निराली है इस समय मिलावटी खोया खाकर लोग बीमार पड़ रहे हैं लेकिन मिलावट खोर आमदनी के चक्कर में लोगों को जहर परोस रहे हैं।






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 जब लागत लगती है ज्यादा तो आखिर कम दामों पर क्यों बिकता है खाद्य सामान जहां 5 से 6 लीटर में 1 किलो पनीर बनती है 350  रुपए दूध खरीदने पर एक किलो पनीर बनती है और वही पनीर ढाई सौ रुपए से लेकर 300 में बिकती है अब इसको बनाने में आने वाला खर्च देख लिया जाए या फिर मजदूरी देख लिया जाए तो लगभग  चार से ₹500 में तैयार होती है और सस्ते के चक्कर में मिलावट खोर जमकर मलाई काट रहे हैं वही एक किलो खोया मे भी करीब 5 लीटर दूध लगता है और इसकी भी कीमत मार्केट में लागत के हिसाब से कम दिखाई पड़ती है वही छेना के रसगुल्ले की बात करें तो सूत्रों की माने तो कानपुर से इसका जमकर आयात किया जाता है




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क्या है कानपुर से कनेक्शन सूत्रों के माने तो छेना पनीर खोया और बटर कानपुर से भारी मात्रा में मंगाया जाता है और यह खाने में जहां लोगों की सेहत के ऊपर गंभीर परिणाम छोड़ता है तो वही सस्ता होने के चक्कर में लोग इसको खरीदते भी बहुत अधिक है और इसी को बेचकर मिलावट खोर जमकर माल कमाते हैं

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