स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद पर बोला हमला
राजेन्द्र पाण्डेय - प्रयाग भारत
प्रयागराज। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य की मान्यता को लेकर एक बार फिर से राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद पर हमला बोला है। स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने मीडिया द्वारा स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य बताए जाने पर भी कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि द्वारिका पीठ के शंकराचार्य ब्रह्मलीन स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने कहीं पर कोई लिखित तौर पर उन्हें उत्तराधिकारी घोषित नहीं किया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि ज्योतिष पीठ पर विवाद था। इसलिए स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती
किसी को शंकराचार्य की पदवी नहीं दे सकते थे। स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद प्रतापगढ़ जिले के पट्टी तहसील के ब्रह्मभट्ट हैं। उन्हें सन्यास का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने जबरन उन्हें सन्यासी बनाया है।और अब स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद विवाद करने के लिए ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य पद पर दावा कर रहे हैं। स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ना ही ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य हैं और ना ही आगे रहेंगे। इसके साथ ही उनके गुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती भी ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य नहीं थे। और अब उनके ब्रह्मलीन होने के बाद तो कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि 1953 से लेकर ब्रहमलीन होने तक स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने हमेशा ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य पद को लेकर विवाद किया और अब आगे अविमुक्तेश्वरानंद को खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा है कि ना ही द्वारका पीठ के संबंध में और ना ही ज्योतिष पीठ के संबंध में स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कुछ लिख कर दिया है और ना ही ब्रह्मलीन होने से पहले कोई घोषणा की है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा है कि सिर्फ मीडिया स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को ज्योतिष पीठ का शंकराचार्य कह रहा है। उन्होंने कहा कि मैं मीडिया को नहीं रोक सकता हूं। लेकिन मीडिया को ऐसा नहीं करना चाहिए।
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