रायबरेली में कामकाजी बंदरिया का वीडियो वायरल हुआ है। हालांकि इन्हें बंदरिया कहने पर यह नाराज़ हो जाती हैं। इनको अपना सम्बोधन रानी ही भाता है जो आठ साल पहले इनके नामकरण के बाद इनकी पहचान है। रानी भदोखर थाना इलाके में सड़वा गांव के रहने वाले किसान विश्वनाथ के घर की पिछले आठ साल से सदस्य हैं। यह परिवार के साथ ही उठती बैठती खाती पीती और सोती हैं। इतना ही नहीं। रानी का जब मूड होता है तो घर के कामों में हाथ भी बटाती हैं। इनके काम काज करते हुए रेयर वीडिओ विश्वनाथ के बेटे आकाश अपने मोबाइल में कैद करके रानी बंदरिया नाम के वाई टी चैनल पर डालते हैं तो करोड़ों में व्यूज़ जाते हैं। आकाश बताते हैं कि आठ साल पहले बदरों का एक झुण्ड गांव में आया था। उसी झुण्ड के साथ यह बंदरिया भी थी जो साथियों से अलग हो गई थी। बेसहारा घूम रही बंदरिया को विश्वनाथ की पत्नी ने सहारा दिया था। अपनों से बिछडी बंदरिया को इंसानों का साथ मिला तो उसमें भी कई गुण इंसानों वाले आ गये। रानी इंसानों के बीच रहते रहते वह उन्ही की तरह खाना पीना रहना सोना और यहां तक कि रोटी बेलना और बर्तन तक मांजने लगी। आकाश बताते हैं कि इंसानों के बीच रहने वाली रानी को अब बंदरों का झुण्ड स्वीकार भी नहीं करता है।
बाइट... आकाश.. रानी के रखवाले
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