बीस साल पहले छत पर ऐसा क्या हुआ जिससे माधुरी को हुई उम्रकैद
प्रयाग भारत
प्रयागराज। मामला बीस साल पहले का है। संगम नगरी प्रयागराज में नया पुरवा करेली निवासी सुदामा नामक महिला गर्मी वाली रात में मई माह 2004 को घर की छत पर सोई हुई थी। इतने में अचानक उसका पूरा बदन तेजाब से जलने लगा। उसकी दर्दनाक चीखें निकलने लगी। नीचे सो रहे घर के लोग और पड़ोसी बाहर निकल आए। महिला के परिजन ने सुदामा को तड़पते देखा तो उनकी भी चीखें निकल गई। सुदामा पर किसी ने ने तेजाब फेंक दिया था। आनन-फानन में उसे एसआरएन अस्पताल ले जाया गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके बाद मृतका सुदामा के बेटे रोहित उर्फ मोनू कुशवाहा और बेटी पूजा ने बीस साल तक लम्बी न्यायिक लड़ाई लड़ी। अब जाकर जिला अदालत ने सुदामा की बड़ी बहू माधुरी को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए 40 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। इस तरह मृतका सुदामा के छोटे बेटे और बेटी दोनों को न्याय मिला। मां की कातिल को अदालत में लम्बी न्यायिक लड़ाई लड़कर सजा दिलाई। अदालत ने अर्थदंड का 90 फीसदी मृतका के पुत्र और पुत्री को दिए जाने का आदेश दिया। सत्र न्यायाधीश संतोष राय ने अधिवक्ता व जिला शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र व बालकृष्ण मिश्र को सुनकर एवं पत्रावली पर उपलब्ध सबूत का अवलोकन करने के बाद अपना फैसला सुनाया। बताया जाता है कि घरेलू कलह और खुन्नस की वजह से सास पर सोते समय तेजाब डाल दिया था।
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