प्रयाग भारत
मेजा (खास) प्रयागराज । कोरोना महामारी ने सभी को पेड़ों द्वारा मिलने वाले आक्सीजन के महत्व को बखूबी समझाया है कि आक्सीजन की कमी से किस तरह लोग अपनों की आंखों के सामने ही दम तोड़ रहे थे। ऐसे में आक्सीजन की किल्लत को दूर करने के लिए सरकार द्वारा कड़ी मेहनत की गई।और हरियाली के महत्व को समझते हुए ग्राम पंचायत स्तर तक बड़ी संख्या में पौधारोपण किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर चंद पैसे के लालच में वन माफियों द्वारा आम के हरे फलदार पेड़ों पर जमकर आरी चलाई जा रही है। वन माफिया कुदरती आक्सीजन देने वाले हरे भरे फलदार पेड़ों को काटने से बाज नही आ रहे है।
मेजा थाना क्षेत्र के सुकाठ पटेल बस्ती के नजदीक बाग में हरे-भरे फलदार पेड़ों पर खाकी की मिलीभगत से कुल्हाडी चलाया जा रहा है । और आक्सीजन देने वाले वृक्षों पर वन विभाग की मिली भगत के चलते आए दिन आरी चलाते हुए हरे पेड़ों की धड़ल्ले से कटाई की जा रही है। वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी मूकदर्शक बने हुए है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वन माफिया स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से पेड़ों की कटाई कर रहे है। कुछ ठेकेदार वन विभाग के अधिकारियों से मिलकर आठ दस पेड़ काटने की अनुमति ले लेते हैं और उसी की आड़ में बड़े बड़े कई पेड़ पूरा बाग काट देते हैं। क्षेत्र में लगातार हरे भरे पेड़ काटे जा रहे है। वन विभाग व प्रशासनिक अधिकारी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं जिससे वन माफियाओं के हौसले बुलंद है। गांव का एक व्यक्ति जाकर काटने वालों से बोला कि इतना बड़ा पेड़ धराशाई कर दिए अभी कार्यवाही हो जायेगी , तो वह हंसते हुए बोला कि कुछ नहीं होगा सब सेट है । मेजा वन विभाग अब राम भरोसे रह गया है ।
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