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लखनऊ। मुख्यमंत्री नगरीय अल्पविकसित व मलिन बस्ती विकास योजना के अंतर्गत प्रदेश के नगरीय क्षेत्र में आने वाली मलिन बस्ती व अल्प विकसित बस्तियों के समग्र विकास हेतु कार्यशाला का आयोजन सूडा सभागार में निदेशक सूडा डॉ. अनिल कुमार की अध्यक्षता में किया गया।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य मलिन एवं अल्प विकसित बस्तियों का चिन्हीकरण व सूचीबद्ध करने हेतु ऐसी व्यवस्था को बनाना, जिससे इन बस्तियों का समग्र विकास कर इनको संतृप्त किया जा सके।
डॉ. अनिल कुमार, निदेशक सूडा ने कहा कि मुख्यमंत्री नगरीय अल्पविकसित व मलिन बस्ती विकास योजना का लक्ष्य सिर्फ नाली,खड़ंजा इंटरलॉकिंग व सडक़ों का निर्माण करना ही नहीं है, इस योजना का उद्देश्य समग्र विकास करना है। यानी कि इन बस्तियों में रहने वाले लोगों को बुनियादी न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए उनके रोजगार व आजीविका में वृद्धि करना है।
उक्त कार्यशाला में अपर निदेशक सूडा आनंद कुमार शुक्ला, नगरीय रोजगार व गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम विभाग के अनु सचिव अरविंद कुमार गिरी, उप निदेशक सूडा कीर्ति प्रकाश भारती व कार्यक्रम अधिकारी सूडा अतुल सिंह चौहान ने भी अपने विचार साझा किए।
वर्कशॉप में विषय क्षेत्र से संबंधित विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभाग कर विचार व्यक्त किए गए। इनमें मुख्य रूप से एके गुप्ता, अपर निदेशक, आरसीयूईएस, मुरली मोहन थिम्मापुरम व सपन, डेलॉइट से, उदय सिंह, गै्रण्ड थॉर्नटन भारत एलएलपी से, सुश्री अनिमा गुप्ता, ए.वी.पी, ई.वाई. इंडिया से व ऋषिकेश मेधज ग्रुप से शामिल रहे।
इसके साथ ही सौरभ त्रिपाठी, परियोजना अधिकारी डूडा लखनऊ, श्रीमती विजया तिवारी, परियोजना अधिकारी डूडा बाराबंकी, अरविंद सिंह, परियोजना अधिकारी डूडा उन्नाव, दर्शानन्द अवर अभियंता मथुरा, प्रशांत सिंह चौहान, सीएलटीसी डूडा लखनऊ, पीयूष मिश्रा, सीएलटीसी, डूडा सीतापुर, प्रतीक गुप्ता, सीएलटीसी डूडा उन्नाव आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
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