रेणुका नदी पार राखी लोडिंग में उड़ रहे डस्ट से ग्रामीण परेशान, किया प्रदर्शन




प्रयाग भारत


सोनभद्र। ओबरा तहसील के अन्तर्गत रेशु नदी सेतु पुल से गुजरने वाले ट्रकों पर लोड ओवर लोड राख से उड़ने वाला रख के प्रदुषण ग्रामीण जनता के लिए मौत का कारण बन रहा है। फ्लाई ऐश बहुत महीन कण होते हैं, जिनमें जहरीली धातुएँ और घुलनशील लवण होते हैं जो संक्षारक और अपघर्षक होते है। पर्यावरण को प्रदूषित कर सकते हैं और साँस के द्वारा मनुष्यों को नुकसान पहुँचा सकते है। यही नहीं जब पत्रकार द्वारा इसकी खोजबीन की गयी तो कुछ और भी तथ्य सामने आए। पता चला की मई 2022 में तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय टीम ने ओबरा तापीय परियोजना के राख निस्तारण के लिए रेणुका नदी पार बने चकाडी ऐश डैम का निरीक्षण किया। टीम का नेतृत्व कर रहे आर0 डी0 पाटिल ने बताया कि तापीय परियोजना द्वारा राख निस्तारण के लिए बनाए गए एसटीपी संयंत्र ठीक से कार्य नहीं कर रहा है। परियोजना द्वारा निस्तारित राख पाइप एवं नालों के द्वारा सीधे रेणुका नदी एवं सोन नदी के पानी में घुल रहे है। इस वजह से आम आदमी के साथ साथ पशु-पक्षी एवं जलीय जीव-जंतु के लिए खतरा उत्पन्न हो सकता है, जो उचित नहीं है। श्री पाटिल ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि बहुत ज्यादा मात्रा में ऐश नदी के पानी में में जा रहा है। सख्त हिदायत दी कि परियोजना द्वारा निस्तारित राख किसी भी कीमत पर नदी के जल में ना मिलने पाए। टीम के मुखिया आर0 डी0 पाटिल ने परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक दीपक कुमार को परियोजना द्वारा निस्तारित राख निस्तारण के लिए सारे बिदुओं का लेआउट प्लान राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण को सम्मिलित करने को कहा। जांच टीम को ओबरा तापीय परियोजना के मुख्य महाप्रबंधक दीपक कुमार ने आश्वस्त किया कि किसी भी दशा में राख नदी में प्रवाहित नहीं की जाएगी, लेकिन एक कहावत कही गयी है हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और होते हैं। आज भी पत्रकार जब उस जगह गये तो वहां हालत पूर्व की तरह ही देखने को मिला।

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