महिला सशक्तिकरण का नया अध्याय लिख रही शक्ति रसोई - डा0 अनिल कुमार महिलाओं के असाधारण कौशल की मिसाल है शक्ति रसोई - आनन्द कुमार




प्रयाग भारत


लखनऊ । महिला स्वावलम्बन व सशक्तिकरण की दिशा में शक्ति रसोई मील का पत्थर साबित हो रही है। स्थापना के मात्र सौ दिन के अंदर जिस तरह के परिणाम पूरे प्रदेश में शक्ति रसोई को लेकर सामने आए हैं, वह उत्साहवर्धक हैं। शक्ति रसोई संचालन का कार्य करने वाले स्वयं सहायता समूहों की महिला सदस्यों ने अल्प समय में ही सिद्ध कर दिया है कि यदि महिलाओं को कार्य करने का अवसर मिले तो क्षेत्र चाहे कोई भी हो, महिलाएं किसी से पीछे नहीं है। साधारण पृष्ठभूमि से आने वाली इन महिलाओं ने अपनी असाधारण क्षमता व कार्य कौशल का परिचय देते हुए शक्ति रसोई के लिए नए आयाम स्थापित किए है। उक्त बातें सूडा भवन में शक्ति रसोई के 100 दिन पूरे होने पर आयोजित कार्यशाला के दौरान निदेशक सूडा डा. अनिल कुमार ने कही।

 कार्यक्रम का प्रारंभ अपर निदेशक सूडा आनंद कुमार शुक्ला, उप निदेशक कीर्ति प्रकाश भारती, वित्त नियंत्रक  संजीव गुप्ता व प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आईं शक्ति रसोई का संचालन करने वाली महिलाओं संग दीप प्रज्ज्वलित कर की। अपने उद्बोधन में अपर निदेशक सूडा  आनंद कुमार शुक्ला ने कहा कि सौ दिन की समय बहुत ही कम समय होता है, इस समय अंतराल में आए परिणामों का विश्लेषण करना आसान नहीं होता है लेकिन शक्ति रसोई का संचालन करने वाली महिलाओं ने इतनी अल्प समयावधि में ही अपनी उद्यमी क्षमता का जिस प्रकार से प्रदर्शन किया है, वह शक्ति रसोई योजना की सफलता की कहानी स्वयं बयां करता है।





आईसीआईसीआई फाउंडेशन के प्रतिनिधि  संजय सिन्हा ने भी उक्त कार्यक्रम में शक्ति रसोई को लेकर अपने विचार व्यक्त किए। इसके साथ ही उन्होंने आईसीआईसीआई फाउंडेशन की उपलब्धियों को भी सबके सामने रखा। इसके साथ होटल ताजमहल की ओर से आए प्रतिनिधि दयानंद  ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

आपको बताते चलें कि डे-एनयूएलएम के अंतर्गत राज्य नगरीय विकास अभिकरण सूडा द्वारा शहरी गरीबी निवारण हेतु केंद्र से अनुदानित योजना डे-एनयूएलएम का प्रदेश में क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना में अब तक लगभग सात लाख परिवारों को मोबलाइज कर सत्तर हजार से अधिक परिवार को  गतिशील  कर स्वयं सहायता समूह में संगठित किए गए हैं। स्वयं सहायता समूह की आजीविका में व्यापक सुधार के लिए शक्ति रसोई की स्थापना महिला सदस्यों के परंपरागत कार्यों को ध्यान में रखते हुए संस्थागत रूप देने के लिए की गई है ।

आज के वक्त मिलेटांस की अहमियत से कोई भी अंजान नहीं है। ऐसे जब पूरी दुनिया का झुकाव  अन्न की ओर हो रहा है तो शक्ति रसोई के माध्यम से मिलेटïस से बने पकवान लोगों की सेहत के लिए फायदेमंद साबित होंगे।

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