गंगा के तटवर्ती गावों में फलदार पेड़ों की हो रहा है अंधाधुंध कटान वन विभाग के अधिकारी बांध लिए हैं आंख पर पट्टी




प्रयाग भारत


मिर्जापुर। वन प्रभाग के नगर क्षेत्र अंतर्गत स्थित नदिनी- नौगांव बीजर कला, भैदपुर, जोपा, तिलई, मौआर व बबुरा आदि गावों में इमारती लकड़ी के सौदागर पर्यावरण के दुश्मन बन गए है। हरे भरे बाग बगीचों को धराशायी कर रहे हैं। आम, महुआ, शीशम व सागौन जैसे फलदार व इमारती कीमती पेड़ों की धड़ल्ले से कटान किया जा रहा है। गंगा के तटवर्ती गावों से बाग बगीचों को मरुस्थल में तब्दील करने वाले लकड़ी माफियाओं को वन विभाग के अधिकारियों का संरक्षण मिल रहा है। मनबढ़ सौदागर अब तो इनकी करतूतें उजागर करने वालों को धमकी भी देना आरम्भ कर दिया है। नदिनी गाँव में आम के भारी भरकम पेड़ कटवाने वाले लकड़ी माफिया को वहाँ के प्रधान पति का संरक्षण मिला हुआ है। जब मीडिया कर्मियों ने आम के धराशायी पेड़ की वीडियो व फोटो लेना शुरू किया, तो वह हमलावर हो कर विवाद आरम्भ कर दिया। सूचना पर शुक्रवार को पहुंचे विंध्याचल थानाध्यक्ष दयाशंकर ओझा को प्रधान पति ने यह कहते हुए समझाने का प्रयास किया कि एक बार लकड़ी माफिया को और छूट दे दीजिए। उधर वन विभाग के अधिकारी अपना उल्लू सीधा करने के चक्कर में आंखों पर पट्टी बांधे हुए हैं। यही हाल रहा तो हरे भरे बाग बगीचों को देखने के लिए तरसना पड़ेगा। ऐसी परिस्थितियों में पर्यावरण संरक्षण की बात करना कहाँ तक औचित्यपूर्ण होगा कहा नहीं जा सकता।

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