प्रयाग भारत
ऊंचाहार-रायबरेली। मामला सवैया हसन गांव का है। जहां एक्सप्रेस वे निर्माण कार्य में लगी पोकलैंड मशीनों ने दस से पंद्रह फुट गहरी खुदाई कर खेतों को तालाब बना डाला।जिससे आने वाले बारिश के मौसम में इन बड़े-बड़े गड्ढों में छोटे बच्चों व जानवरों के साथ कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। एक्सप्रेस वे की मिट्टी ढो रहे डंफरो की आवाजाही से गांवों के रास्तों को बद से बद्तर बना दिया गया है। जानकारी के अनुसार तालाबों के नाम पर बंजर भूमि भी खोदकर बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया है।मामले में राजस्व विभाग के एक कर्मचारी की भी संलिप्ता बताई जा रही हैं। गंगा एक्सप्रेस वे के ठेकेदारों ने तालाबो को खोदने के लिए राजस्व विभाग से मजबूत सिस्टम बनाया है जिससे तीन फिट गहरी खुदाई का परमीशन लेकर पंद्रह फुट गहरी खुदाई की जा रही है। मनमानी का आलम यह है कि प्रशासन की नाक के नीचे इतना बड़ा खेल किया जा रहा है। बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।हद तो तब हो गई जब बगल में किसानों की खेत को भी नुकसान किया जा रहा है अब देखने वाली बात ये होगी कि खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन क्या कारवाई करता है।की सिर्फ आश्वासन ही दिया जाएगा।
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