प्रयागराज में हुए 10 साल के विकास पर जनता कर रही सवाल फिर चलेगा मोदी लहर, या पार्टी और कैंडिडेट दोनो बदल देगा यह शहर




प्रयाग भारत


शंकरगढ़, प्रयागराज । संसदीय क्षेत्र प्रयागराज 52 से इन 10 सालों में सत्ताधारी पार्टी के दो सांसद चुने गए। एक श्यामाचरण गुप्ता और दूसरा रीता बहुगुणा जोशी दोनों सांसदों को आशीर्वाद देकर यहां की जनता ने अपने विकास के लिए दिल्ली पहुंचाया था। लेकिन प्रयागराज जिले की जनता अपना विकास आज भी ढूंढ रही है। इन 10 सालों में महंगाई आसमान छू रही है । रेत माफिया, भू माफिया, शिक्षा माफिया 10 साल से कुछ ज्यादा ही हावी रहे । जनता के विकास पर जिले में भ्रष्टाचार खूब होता रहा। बेरोजगारी की वजह से लोग पलायन करते रहे। परेशान जिले की जनता अब इस बार भाजपा को क्यों वोट करें स्वयं पूछ रही है जिले की जनता । वोट देना जनता का अधिकार है और जनता तय करें कि इस बार वोट किसको करें। खैर प्रयागराज जिले में सियासी पारा चढ़ने लगा है । जैसे-जैसे गर्मी प्रचंड रूप दिखा रही है वैसे-वैसे उम्मीदवारों की भी परीक्षा होनी भी शुरू हो गई है। और वह अब जनसंपर्क के लिए पसीना बहाते नजर आने लगे है। इस बार कांग्रेस से उज्जवल रमण सिंह तो भाजपा से नीरज त्रिपाठी मैदान में ताल ठोक रहे हैं खैर धरातल पर देखा जाए, तो इस वक्त कांग्रेस उम्मीदवार रेवती रमन सिंह के बेटे उज्जवल रमण जिताऊ कैंडिडेट नजर आ रहे हैं । 





वहीं भाजपा के नीरज त्रिपाठी की बात करें, तो उनका अपना व्यक्तिगत कोई पहचान और वोट बैंक नजर नहीं आ रहा है। उनका पूरा का पूरा चुनाव संगठन, और पार्टी पर निर्भर कर रहा है। वही कांग्रेस के उम्मीदवार उज्ज्वल रमण सिंह पार्टी के इतर व्यक्तिगत दमदार पैठ, मिलनसार और उनकी व्यक्तिगत छवि, प्रयागराज के वोटरों को आकर्षित कर रही है। वह पूर्व में करछना के विधायक भी रहे, इसका भी फायदा उन्हें मिल सकता है। खैर अभी कुछ कहना निर्णायक नहीं रहेगा ।लेकिन इतना जरूर कहा जा सकता है कि भाजपा उम्मीदवार से कहीं ज्यादा उज्जवल मजबूत नजर आ रहे हैं। अब यह आने वाला समय बताएगा कि इस बार प्रयागराज की जनता किसे अपना सांसद बनाती है। वहीं इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र के सभी पांचो विधानसभा में तमाम समस्याएं व्याप्त हैं और समाधान के एक ईमानदार और दृढ़ इच्छा शक्ति वाले सांसद की जरूरत है।

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