पूर्व सरकार में अनुकुल समर्थन की कमी, वैज्ञानिको नहीं मिला सहयोग, प्रतिभा रही बाधित - डॉ० राजेश्वर सिंह



 

 प्रयाग भारत


लखनऊ  ।  हमारे देश के वैज्ञानिकों के पास महान, प्रतिभा, क्षमता और जुनून है । जो पहले अनुकूल समर्थन की कमी के कारण बाधित होता था। आज भारत के यशश्वी प्रधान मंत्री जी नरेन्द्र मोदी के महान सोच के चलते अब वैज्ञानिकों को उनकी प्रतिभा का भरपूर प्रदर्शन करने का अवसर मिल रहा है। और निरन्तर अभूत पूर्व परिवर्तन  देखने को मिल रहा है ।उक्त बातें भारतीय जनता पार्टी के  डा0 राजेश्वर सिंह, लोकप्रिय विधायक सरोजनी नगर, लखनऊ अपने एक्स ट्विटर एकाउंट पर शेयर करते हुए लिखा है ।श्री सिंह ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों के प्रतिभा, जूनून से भारत ने 2003 से 2014 के दौरान क्रमशः 33 और 31 उपग्रहों की तुलना में 2014 से 2023 के दौरान 396 विदेशी और 70 घरेलू उपग्रह लॉन्च किए हैं। इसरो दूसरे देशों के लिए इन उपग्रहों को लॉन्च करके 4,000 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की है। 2019 में केवल एक स्पेस स्टार्टअप था और अब यह बढ़कर 190 हो गया है। स्पेस इंडस्ट्री में 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश हो चुका है।

          हमारे वैज्ञानिकों के पास महान प्रतिभा, क्षमता और जुनून है, जो पहले अनुकूल समर्थन की कमी के कारण बाधित होता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में एक अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिला है। अंतरिक्ष विभाग को आवंटित बजट वित्त वर्ष 2013-14 के लिए ₹6,792 करोड़ से लगभग दोगुना होकर वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए ₹12,544 करोड़ हो गया है, युवा नवप्रवर्तकों को सशक्त बनाने के लिए, इसरो ने अपने नए मिनी-पीएसएलवी जिसे स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएसएलवी-डी 2) भी कहा जाता है, इसके माध्यम से तीन छात्र-निर्मित उपग्रह - ईओएस -07, आजादी सैट-2 और जानूस-1 लॉन्च किए। आज़ादी सैट-2 एकीकरण स्पेस किड्ज़ द्वारा निर्देशित 750 छात्राओं की सहयोगात्मक प्रतिभा थी,भारत ने 15 फरवरी, 2017 को पीएसएलवी-सी 3 पर 104 उपग्रहों को लॉन्च करने का विश्व रिकॉर्ड भी बनाया। 104 उपग्रहों में से 101 अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के थे। ये उपलब्धियाँ अंतरिक्ष नवाचार में हमारी ताकत का प्रमाण हैं ।

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