संगीतमय सप्तदिवसीय भव्य श्रीराम कथा छीवकी मे होगा संपन्न- सतीश शर्मा।
प्रयागराज। संगीतमय सप्तदिवसीय श्री राम कथा का आयोजन हनुमान मंदिर लोको ऑफिस के सामने छिवकी नैनी मे कथा आयोजक श्री गंगोत्री प्रसाद मिश्र वरिष्ठ सलाहकार श्री सतीश शर्मा छोटा चाका द्वारा किया जा रहा है।
कथा व्यास श्री अवध किशोर ओझा जी महाराज जी द्वारा संपन्न किया जाएगा
श्री राम कथा 20 से 26 अप्रैल दोपहर 3:00 से 6:00 बजे तक किया जाएगा।
27 अप्रैल को प्रसाद भंडारे का आयोजन किया गया है।
विनय जयसवाल बाबा, कौशल पांडे,सुरेश तिवारी, संगम पाइप, सत्यम शुक्ला, सुभाष केसरवानी, संजय गुरु योगा गुरु आदि मौजूद रहेंगे।
सतीश शर्मा ने कहा हरि अनंत, हरि कथा अनंता। सबसे पहले श्रीराम की कथा हनुमानजी ने लिखी थी फिर महर्षि वाल्मीकि ने। वाल्मीकि राम के ही काल के ऋषि थे। उन्होंने राम और उनके जीवन को देखा था। वे ही अच्छी तरह जानते थे कि राम क्या और कौन हैं? लेकिन जब सवाल लिखने का आया, तब नारद मुनि ने उनकी सहायता की। कहते हैं कि राम के काल में देवता धरती पर आया-जाया करते थे और वे धरती पर ही हिमालय के उत्तर में रहते थे।
रामायण के बाद राम से जुड़ी हजारों कथाएं प्रचलन में आईं और सभी में राम की कथा में थोड़े-बहुत रद्दोबदल के साथ ही कुछ रामायणों में ऐसे भी प्रसंग मिलते हैं जिनका उल्लेख वाल्मीकि रामायण में नहीं मिलता है।
राम की कथा को वाल्मीकि के लिखने के बाद दक्षिण भारतीय लोगों ने अलग तरीके से लिखा। दक्षिण भारतीय लोगों के जीवन में राम का बहुत महत्व है। कर्नाटक और तमिलनाडु में राम ने अपनी सेना का गठन किया था। तमिलनाडु में ही श्रीराम ने रामेश्वरम् ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी।
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