अब्दुल कवि ने राजू पाल हत्याकांड में निभाई थी शूटर की भूमिका, 18 साल से था फरार; नाविक ने खोले बड़े राज
प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड के बाद पुलिस ने राजू पाल हत्याकांड में भी कार्रवाई तेज की तो 18 साल से फरार चल रहे अतीक अहमद के शूटर अब्दुल कवि के कोर्ट में सरेंडर कर दिया।
बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड में 18 साल बाद सीबीआइ कोर्ट में सरेंडर करने वाले अब्दुल कवि का राज एक नाविक ने खोला था। पुलिस की जांच में कभी जिंदा तो कभी मुर्दा होने वाले अब्दुल कवि की कहानी पुलिस को मिली तो उसने परिवार के सदस्यों के बारे में पता लगाया।
इस दौरान मालूम हुआ कि अब्दुल की बड़ी बेटी की उम्र 14 साल और छोटे बच्चे की उम्र सात साल है। इस आधार पर पुलिस को अब्दुल के फरार होने पर यकीन हो गया था, जिसके बाद ही उसे पनाह देने और मदद करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की थी।
2003 में अशरफ से हुई थी मुलाकात
बताया गया कि सरायअकिल के भखंदा उपरहार निवासी अब्दुल गनी का बेटा अब्दुल कवि को माफिया बनने का शौक रखता था। वर्ष 2003 में उसकी मुलाकात अतीक अहमद के भाई अशरफ से हुई। संपर्क में आने के बाद 25 जनवरी 2005 में पूर्व विधायक शहर पश्चिमी प्रयागराज राजूपाल की हत्या में अब्दुल कवि ने शूटर की भूमिका निभाई
उमेश पाल की हत्या के बाद सक्रिय हुई पुलिस
उमेश पाल हत्याकांड के बाद शूटर अब्दुल कवि की तलाश तेज कर दी गई, लेकिन वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा। वहीं, इस मामले में एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि राजूपाल हत्याकांड में वांटेड शूटर अब्दुल कवि पिछले 18 सालों से फरार चल रहा था। उमेश पाल हत्याकांड के बाद उसकी तलाश तेज कर दी गई थी।
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