आशा बहुओं ने भरी हुंकार, 12 सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन


मेजा (खास) प्रयागराज।
उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन ने अपनी 12 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन तहसील मेजा में प्रधानमंत्री के नाम सौंपा। सैकड़ों की संख्या में आशा वर्कर्स ने हाथों में तख्तियां लिए आशा एकता जिंदाबाद के नारे लगाते हुए सरकार का विरोध किया। आशा बहुओं ने कहा कि यदि आप हमसे कार्य करवायेंगे तो आपको उसके पैसे देने पड़ेंगे। नहीं तो हम आने वाले चुनाव में इसका नतीजा दिखाएंगे।

प्रदर्शन के दौरान आज करो अर्जेंट करो हम को परमानेंट करो,  2000 में दम नहीं 21000 से कम नहीं आशा व आशा संगिनीयों को अस्थाई करो, आशाओं का शोषण बंद करो, योगी मोदी होश में आओ, यौन हिंसा को रोकने के लिए महिला सेल का गठन करो, 1000000 का स्वास्थ्य बीमा 5000000 का जीवन बीमा की गारंटी करो इत्यादि नारे लगे।

प्रदर्शन को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश आशा वर्कर यूनियन की मेजा की सचिव संध्या श्रीवास्तव ने कहा कि आशा समाज सेविका नहीं है बल्कि कर्मचारी है जिस की मान्यता श्रम सम्मेलन में मिली है इन को न्यूनतम वेतनमान व पेंशन सहित सभी सुविधाओं का लाभ देना चाहिए। आशा वर्कर की मेजा अध्यक्ष किरण सिंह ने कहा कि वर्ष भर में 4 से 6 माह तक का संपूर्ण मानदेय बकाया रहता है बहुत ही अल्प प्रोत्साहन राशि  में रात दिन श्रम करने वाली आशा व आशा संगिनी भुखमरी की शिकार होती रहती हैं परंतु इस अल्प अपमानजनक  कथित भुगतान की चिंता एन एच एम कि रहती है ना ही सरकार की।  कार्यक्रम का संचालन करते हुए सुनीता ने 13 मार्च को जिला मुख्यालय पर होने वाले प्रदर्शन मैं सभी आशाओं को शामिल होने की अपील किया। भाकपा माले के जिला प्रभारी सुनील मौर्या एवं वीरेंद्र रावत ने शामिल होकर समर्थन किया।

उक्त प्रदर्शन में अर्चना, पूनम, नेहा द्विवेदी, नेम कली, तरन्नुम सरस्वती राधा सिंह, ममता वर्मा सहित सैकड़ों की संख्या में आशा वर्कर मौजूद रही।

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