मोक्षदायिनी है श्रीमद् भागवत कथा - श्री कृष्ण मुकुंद जी महाराज
प्रयाग भारत
भगवान कृष्ण एवं माता रुक्मणी के विवाह का प्रसंग सुनकर कृष्ण भक्त पुरुषों, माताओं एवं बच्चों ने झूमकर नृत्य किया कथा का उपसंहार करते हुए महाराज श्री ने कहा, कि श्रीमद् भागवत कथा मोक्षदायिनी है | श्री शुकदेव स्वामी ने राजा परीक्षित को यह कथा सुनाई | कथा के सातवें दिन ऋषि श्राप के अनुसार तक्षक नाग ने राजा परीक्षित को डसा किंतु श्रीमद् भागवत कथा सुनकर राजा परीक्षित मृत्यु भय से मुक्त हो चुके थे, अत: उन्होंने सहर्ष मृत्यु का वरण किया एवं मोक्ष को प्राप्त हुए | अंकित श्रीवास्तव एवं अनुभव श्रीवास्तव ने भगवान राधा कृष्ण की आरती की |कथा में प्रमुख रूप से मुख्य यजमान प्रमोद श्रीवास्तव, श्रद्धा श्रीवास्तव, अंकुर श्रीवास्तव, भव्या श्रीवास्तव, आर.के.शुक्ला, अंकित श्रीवास्तव, अनुभव श्रीवास्तव, अनुज मिश्रा (व्यवस्थापक, श्री हरि दिव्य साधना पीठ, प्रतापगढ़),आदि उपस्थित रहे।
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