मोक्षदायिनी है श्रीमद् भागवत कथा - श्री कृष्ण मुकुंद जी महाराज

 मोक्षदायिनी है श्रीमद् भागवत कथा - श्री कृष्ण मुकुंद जी महाराज

प्रयाग भारत 


नैनी (प्रयागराज )।
नैनी क्षेत्र के पीडीए कॉलोनी स्थित अवंतिका रामलीला पार्क में आयोजित श्रीमद् भागवत् कथा ज्ञान यज्ञ में कथा व्यास श्री कृष्ण मुकुंद जी महाराज कहते हैं, कि उद्धव गोपियों को ज्ञान सिखाने गए थे किंतु स्वयं प्रेम का पाठ पढ़ कर लौट आये । कृष्ण के पास लौटते समय उन्हें अपने शरीर का भी होश नहीं था | उनके एक हाथ में मां यशोदा के द्वारा दिया गया मक्खन तथा दूसरे हाथ में राधा रानी द्वारा दी गई बंसी विराज रही थी | गोपियों और उद्धव का संवाद सुनकर श्रोताओं की आंखों से अश्रुधारा बह निकली |

भगवान कृष्ण एवं माता रुक्मणी के विवाह का प्रसंग सुनकर कृष्ण भक्त पुरुषों, माताओं एवं बच्चों ने झूमकर नृत्य किया  कथा का उपसंहार करते हुए महाराज श्री ने कहा, कि श्रीमद् भागवत कथा मोक्षदायिनी है | श्री शुकदेव स्वामी ने राजा परीक्षित को यह कथा सुनाई | कथा के सातवें दिन ऋषि श्राप के अनुसार तक्षक नाग ने राजा परीक्षित को डसा किंतु श्रीमद् भागवत कथा सुनकर राजा परीक्षित मृत्यु भय से मुक्त हो चुके थे, अत: उन्होंने सहर्ष मृत्यु का वरण किया एवं मोक्ष को प्राप्त हुए | अंकित श्रीवास्तव एवं अनुभव श्रीवास्तव ने भगवान राधा कृष्ण की आरती की |कथा में प्रमुख रूप से मुख्य यजमान प्रमोद श्रीवास्तव, श्रद्धा श्रीवास्तव, अंकुर श्रीवास्तव, भव्या श्रीवास्तव, आर.के.शुक्ला, अंकित श्रीवास्तव, अनुभव श्रीवास्तव,  अनुज मिश्रा (व्यवस्थापक, श्री हरि दिव्य साधना पीठ, प्रतापगढ़),आदि उपस्थित रहे।

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