नैनी क्षेत्र में लगे प्रोजेक्टो के जहरीले धुओं से हो रहे लोग बीमार, पहले हो चुकी है मौत, प्रशासन मौन



नैनी क्षेत्र में लगे प्रोजेक्टो के जहरीले धुओं से हो रहे लोग बीमार, पहले हो चुकी है मौत, प्रशासन मौन


आए दिन जहरीले धुएं व अस्पतालों के गन्दे रासायनिक तत्वों से पड़ रहे लोग बीमार 


राजेन्द्र पाण्डेय - प्रयाग भारत 


प्रयागराज। जहां भारत मे प्रदूषण से मरने वालो की संख्या प्रति वर्ष एक दावे के अनुसार लगभग 24 लाख है । और 18 मई 2022 तक माना जाता है कि रासायनिक प्रदूषणकारी तत्वो के कारण संख्या मे इजाफा हुआ है। वही सरकार द्वारा एक तरफ लोगों को स्वस्थ रहने के लिए प्रदूषण मुक्त भारत बनाने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ प्रयागराज मे जमुना किनारे लेप्रोसी चौराहा नैनी के बगल हजारों लोगों की आबादी के बीच अस्पतालों से निकले गंदे मलहम पट्टी, मरीजों के शरीर से बेकार हुए अंगों को काटकर निकाले गए हिस्से, तथा मरीजों को लगाए जाने वाले बेकार पड़े इंजेक्शन, सीसी बोतलों में भरी रासायनिक एक्सपायरी दवाएं तथा अनेको प्रकार की बेकार हुई प्लास्टिक से बनी सीसी बोतले, आदि गंदे सामानों को एक प्रोजेक्ट के माध्यम से बनी भट्टी के सहारे जलाकर उससे निकलने वाला गुबार भरा जहरीला धुआं लगी चिमनी के द्वारा बाहर निकाला जाता है। जिससे मोहल्ले वाले उस जहरीले धुएं से काफी परेशान हो चुके है। और आए दिन लोग बीमार पड़ते ही रहते हैं, यहां तक कि उक्त मोहल्ला निवासी काजू का आरोप है कि निकलने वाले धुएं से पिछले दिनों हमारा एक 5 वर्ष का लड़का भी बीमार हुआ, और उसकी मृत्यु भी हो गयी । 


इसी तरह उक्त मोहल्ला निवासियो का आरोप है। कि हम लोगो के सामने यह बहुत ही दु:खद समस्या बनकर आ खडी हुई है। जिससे  हम लोगो का जीना दुश्वार हो गया है। इस तरह यहा के निवासी काफी परेशान हो चुके है। कई बार लोगों द्वारा उच्च संबंधित अधिकारियों से लिखित शिकायत भी की जा चुकी है। लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है, जिससे अब हम लोग मजबूर होकर जिलाधिकारी प्रयागराज का घेराव कर धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य हो  तैयारी बना चुके हैं। और भुक्तभोगियो ने प्रशासनिक अधिकारियो और योगी सरकार से मांग किया है कि मुहल्ले से इस चिमनी जलाने वाले प्रोजेक्ट को कही दूर वीरान क्षेत्र मे हटाया जाए। अन्यथा इस जहरीले धुएं से  मौतो में इजाफा ही होता रहेगा । अभी डेंगु को लेकर पुरा प्रशासन डगमगा गया है। ऐसे ही और बीमारियां बढ़ जायेगी,  क्या तब प्रशासन जागेगा।

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